न ख्वाहिशें दफन कीजिये..... चार दिन की ज़िन्दगी है.....

 न चादर बड़ी कीजिये..... 








न ख्वाहिशें दफन कीजिये..... 

चार दिन की ज़िन्दगी है..... 

बस चैन से बसर कीजिये...!! 
न परेशान किसी को कीजिये.... 
न हैरान किसी को कीजिये...... 
कोई लाख गलत भी बोले..... 
बस मुस्कुरा कर छोड़ दीजिये...!! 

न रूठा किसी से कीजिये...... 
न झूठा वादा किसी से कीजिये..... 
कुछ फुरसत के पल निकालिये..... 
कभी खुद से भी मिला कीजिये....!!

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